कैदियों की दुर्दशा पर NHRC ने लिया स्वतः संज्ञान
हाल ही में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), भारत ने देश भर की जेलों में कैदियों, विशेषकर महिला कैदियों और उनके साथ रह रहे बच्चों को हो रही विभिन्न कठिनाइयों पर स्वत: संज्ञान (Suo Motu cognisance) लिया है।
- इन कठिनाइयों में क्षमता से अधिक कैदी होना, मूलभूत सुविधाओं एवं स्वास्थ्य सेवाओं की कमी तथा गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन शामिल हैं।
- इन स्थितियों की जानकारी आयोग को उसके विशेष पर्यवेक्षकों (Special Monitors) एवं रैपोर्टर्स (Rapporteurs) द्वारा देशभर की जेलों के निरीक्षण के बाद प्रस्तुत की गई रिपोर्टों और प्राप्त शिकायतों के माध्यम से प्राप्त हुई।
NHRC के समक्ष आईं प्रमुख चिंताएं
- महिला कैदियों की गरिमा ....
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