सिविल सेवकों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही: सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि सिविल सेवकों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अनिवार्य रूप से ‘नियुक्ति प्राधिकारी’ (Appointing Authority) द्वारा ही शुरू की जाए, यह आवश्यक नहीं है।

  • सर्वोच्च न्यायालय ने झारखंड उच्च न्यायालय के एक निर्णय को पलटते हुए यह स्पष्ट किया कि बर्खास्तगी के लिए नियुक्ति प्राधिकारी की स्वीकृति आवश्यक है, परंतु अनुशासनात्मक कार्यवाही आरंभ करने के लिए इसकी आवश्यकता नहीं है।
  • इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने पीवी श्रीनिवास शास्त्री बनाम नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, 1993 मामले का उल्लेख किया। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि-
    • विभागीय कार्यवाही केवल नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा ही शुरू ....
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