आवास का अधिकार एक मौलिक अधिकार: सुप्रीम कोर्ट

12 सितंबर, 2025 को घर खरीदारों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से दिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय में, सुप्रीम कोर्ट ने यह घोषित किया कि आवास का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत एक मौलिक अधिकार है।

  • साथ ही, न्यायालय ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह दिवालियेपन की प्रक्रिया से गुज़र रही तनावग्रस्त रियल एस्टेट परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु एक पुनर्जीवन कोष (Revival Fund) स्थापित करे।
  • वाद: मानसी बरार फर्नांडीस बनाम शुभा शर्मा एवं अन्य (तथा संबंधित मामले)।
  • पीठ: न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति आर. महादेवन।

निर्णय के प्रमुख बिंदु

  • राज्य की जिम्मेदारी: राज्य पर यह संवैधानिक दायित्व ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

राष्ट्रीय परिदृश्य