स्थापत्य एवं मूर्तिकला
प्रदेश की स्थापत्य एवं मूर्तिकला को हम प्राचीन,मध्यकाल और आधुनिक तीन समयखंड में विभाजित कर सकते है-
प्राचीन काल
- प्रागैतिहासिक काल – बेलन घाटी के ‘लोहदा नाला’ से अस्थि निर्मित मातृदेवी की मूर्ति प्राप्त हुई है।
- मौर्यकाल – अशोक का सारनाथ स्तम्भ मौर्यकालीन शिल्प का बेहतरीन उदाहरण है।
- मथुरा के परखम एवं बड़ोदा ग्राम से मौर्यकालीन यक्ष की मूर्तियां प्राप्त हुई हैं।
- मथुरा कला – बुद्ध की प्रथम मूर्ति मथुरा शैली में बनी। यह कला शैली कुषाण काल में अपने उत्कर्ष पर पहुंची। यहाँ बुद्ध सहित जैन तीर्थंकरों, हिन्दू देवी-देवताओं की अनेक प्रतिमाएं बलुआ पत्थर से निर्मित की गई।
- गुप्त काल – मंदिर ....
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संबंधित सामग्री
- 1 ब्रिटिश न्यायिक सुधार और उच्च न्यायालयों की स्थापना
- 2 सल्तनत एवं मुगल कालीन न्यायिक संरचना
- 3 ब्रिटिश कालीन पुलिस प्रणाली
- 4 मुगलकालीन पुलिस व्यवस्था एवं गुप्तचर प्रणालियाँ
- 5 सल्तनत काल में फ़ौजदारी व्यवस्था
- 6 मौर्य और गुप्त काल में कानून व्यवस्था
- 7 पंचायती राज व्यवस्था का संवैधानिकीकरण (73वां और 74वां संशोधन)
- 8 ब्रिटिश शासन के दौरान स्थानीय शासन व्यवस्था (पंचायती राज प्रणाली का उद्भव)
- 9 मुगल साम्राज्य के अधीन स्थानीय प्रशासन
- 10 प्राचीन भारत में स्थानीय सभाओं (सभाओं, समितियों) की भूमिका

