भारत की जनजातियाँ – FRA, PESA और पारिस्थितिक-सांस्कृतिक परिदृश्य

भारत के जनजातीय समुदाय मुख्यतः वनाच्छादित और पहाड़ी क्षेत्रों में केंद्रित हैं, विशेषकर प्रायद्वीपीय और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में। ये समुदाय राष्ट्र की पारिस्थितिक-सांस्कृतिक विविधता का अभिन्न हिस्सा हैं। उनका शासन, अधिकार और आजीविका उनके आस-पास के पारिस्थितिक-सांस्कृतिक परिदृश्यों से गहराई से जुड़ा हुआ है। इस कारण इनके संरक्षण और सशक्तीकरण के लिए विशिष्ट विधायी और नीतिगत सुरक्षा आवश्यक है।

भौगोलिक वितरण और अधिकार ढाँचा

आयाम

मुख्य विशेषताएँ

भौगोलिक एकाग्रता

आँकड़े/कानूनी ढाँचा

वितरण

सामान्यतः वनाच्छादित, पहाड़ी या दूरस्थ क्षेत्रों में निवास; अक्सर प्रमुख नदी घाटियों और पर्वत श्रृंखलाओं के साथ।

केंद्रीय जनजातीय पट्टी: ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र (जैसे गोंड, संथाल)। उत्तर-पूर्व: उच्च जनजातीय ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।
प्रारंभिक विशेष