उत्तराखंड में बादल फ़टने की घटनाएँ: जलवायु संबंध

बादल फटना (Cloudburst) अत्यधिक वर्षा की चरम घटना है, जिसमें एक घंटे में 100 मिमी से अधिक वर्षा एक छोटे क्षेत्र में होती है। यह प्रायः अचानक आई बाढ़, भूस्खलन और बड़े पैमाने पर तबाही का कारण बनती है। उत्तराखंड का नाजुक हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र (तीव्र ढाल, वनों की कटाई और अनियोजित विकास) इसे विशेष रूप से संवेदनशील बनाता है। प्रमुख घटनाओं में केदारनाथ (2013) और चमोली-रुद्रप्रयाग के बार-बार घटित होते बादल फटना शामिल हैं।

हालिया प्रगति

  • 5 अगस्त 2025: उत्तरकाशी जिले के धराली और सुखी टॉप में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन।
  • 2025 के मानसून के दौरान, उत्तराखंड में ....

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