कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन

दिसंबर 1929 में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ था। पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुए इस अधिवेशन में कांग्रेस ने पहली बार यह घोषणा की कि अब उसका लक्ष्य केवल “डोमिनियन स्टेटस” (औपनिवेशिक अधीनता में स्वशासन) नहीं, बल्कि “पूर्ण स्वराज” (संपूर्ण स्वतंत्रता) होगा।

  • नेहरू द्वारा रावी नदी के तट पर तिरंगा फहराना और 26 जनवरी, 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाने का आह्वान ने 1930 में राष्ट्रव्यापी सविनय अवज्ञा का मंच तैयार किया।

पृष्ठभूमि

  • कांग्रेस के पूर्व कलकत्ता अधिवेशन (1928) में कांग्रेस के भीतर 2 विचारधाराएँ स्पष्ट रूप से ....
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