कार्बन बॉर्डर अडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM) एवं भारतीय निर्यात

यूरोपीय संघ का कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (CBAM) जनवरी 2026 से लागू होगा, जिसके तहत इस्पात, सीमेंट, एल्युमिनियम, उर्वरक, बिजली जैसे कार्बन-गहन उत्पादों पर कर लगेगा।

हालिया प्रगति

  • भारत के इस्पात और एल्युमिनियम निर्यात EU मानकों से अधिक उत्सर्जन वाले होने के कारण 20-35% तक अतिरिक्त कर झेल सकते हैं।

चुनौतियाँ

  • अनुपालन लागत बढ़ेगी, जिससे उच्च निवेश की आवश्यकता।
  • MSMEs व ऊर्जा-गहन क्षेत्रों की प्रतिस्पर्धा क्षमता कमजोर।
  • उत्सर्जन डेटा व निगरानी में अंतराल।
  • WTO सिद्धांतों से टकराव।
  • भारत-यूरोप व्यापार संबंधों पर दबाव।

प्रभाव और निहितार्थ

  • सामाजिकः MSMEs पर सबसे अधिक असर, रोजगार हानि।
  • राजनीतिकः जलवायु कूटनीति की चुनौती।
  • आर्थिकः GDP में गिरावट (2030 तक 0.03% तक)।
  • तकनीकीः ....


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