अम्बेडकर का राजनीतिक दृष्टिकोण और संविधान निर्माण में उनकी भूमिका

डॉ. भीमराव अम्बेडकर (1891–1956) एक न्यायशास्त्री, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक, और भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार थे। उनका जीवन का उद्देश्य जातिवाद का उन्मूलन, पिछड़े वर्गों के लिए नागरिक और राजनीतिक अधिकार सुनिश्चित करना, और एक समावेशी लोकतांत्रिक राष्ट्र का निर्माण था। उन्होंने गहन अध्ययन, जनसंगठन और संस्थागत निर्माण के माध्यम से भारतीय समाज और राज्य नीति दोनों में परिवर्तन लाने का प्रयास किया।

संस्था-निर्माण और जन-आंदोलन

  • 1924 में, अम्बेडकर ने बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना की, जिससे दलितों में सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने और उनकी समस्याओं को उजागर करने का प्रयास किया गया।
  • उन्होंने मंदिर प्रवेश और सार्वजनिक जल स्रोतों में जातिगत ....
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