शासन में नागरिक भागीदारी: उपकरण एवं चुनौतियाँ

लोकतांत्रिक शासन की सशक्तता और उत्तरदायित्व का आधार है नागरिक भागीदारी। यह केवल मतदान तक सीमित नहीं है, बल्कि नागरिकों को नीतिनिर्माण, संसाधनों के वितरण और लोक-सेवाओं की आपूर्ति में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर देती है।

  • इसका उद्देश्य हैः शासन को नागरिक-केंद्रित, उत्तरदायी और पारदर्शी बनाना। भारत में पारंपरिक और डिजिटल दोनों प्रकार के उपकरण उपलब्ध हैं, किंतु इनके प्रभावी प्रयोग में कई बाधाएँ भी मौजूद हैं।

हालिया प्रगति

  • शासन के विभिन्न स्तरों पर नागरिक भागीदारी को सक्षम करने के लिए उपकरणों और तंत्रें की एक विस्तृतशृंखला मौजूद हैं।

पारंपरिक तंत्र

  • ग्राम सभाः जमीनी स्तर पर लोकतंत्र की आधारशिला, ग्राम ....
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