​पहला स्वदेशी एंटीबायोटिक “ नेफिथ्रोमाइसिन ”

  • नवंबर 2024 में, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) का मुकाबला करने के उद्देश्य से भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित एंटीबायोटिक, नैफिथ्रोमाइसिन लॉन्च की ।
  • अनुसंधान एवं निवेश: जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) के सहयोग से विकसित किया गया ।
  • समय एवं लागत: 14 वर्ष का शोध एवं 500 करोड़ रुपये का निवेश ।
  • विपणनकर्ता: वॉकहार्ट , व्यापारिक नाम " मिक्नाफ" (Miqnaf) के तहत

विशेषताएं एवं लाभ

  • उपचार के लिए डिज़ाइन किया गया: सामुदायिक-अधिग्रहित जीवाणु निमोनिया (CABP), जो दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया के कारण होने वाली एक गंभीर बीमारी है। ....
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