ड्रोन आधारित परागण

ड्रोन आधारित परागण (Drone-based Pollination) तकनीक विशेष रूप से उन परिस्थितियों में उपयोगी हो सकती है जहाँ प्राकृतिक परागणकर्ता, जैसे कि मधुमक्खियों, की आबादी घट रही है या जहाँ बड़े क्षेत्रों में तेजी से और कुशलता से परागण करने की आवश्यकता है।

ड्रोन-आधारित परागण कैसे काम करता है?

  • ड्रोन-आधारित परागण में आमतौर पर निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
    • पराग संग्रह: ड्रोन को पराग से लोड करने से पहले, पराग को उपयुक्त फूलों से एकत्र किया जाता है। यह कार्य या तो हाथ से या विशेष उपकरणों का उपयोग करके किया जा सकता है।
    • ड्रोन प्रोग्रामिंग: ड्रोन को उन विशिष्ट क्षेत्रों और फूलों ....

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