मुग़ल स्थापत्य, संगीत एवं चित्रकला

मुग़ल स्थापत्य, संगीत एवं चित्रकला, जो 16वीं से 18वीं शताब्दी के बीच अपने उत्कर्ष पर पहुँचे, भारतीय उपमहाद्वीप की एक ऐसी सांस्कृतिक धारा हैं जहाँ फ़ारसी, इस्लामी और भारतीय परम्पराएँ एक साथ मिलकर अनुपम सौंदर्य-संश्लेषण का रूप लेती हैं। सम्राटों के संरक्षण में ये कलाएँ भव्यता, बारीक नक्काशी और प्राकृतिक यथार्थवाद के अनोखे संगम से परिपूर्ण हुईं, जिसने आने वाले युगों की कला को गहराई से प्रभावित किया।

विकास एवं सांस्कृतिक संश्लेषण

कला रूप

प्रमुख व्यक्ति/उत्कर्ष काल

प्रमुख विशेषताएँ एवं संश्लेषण

सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्त्व

स्थापत्य (16वीं–17वीं सदी)

अकबर (लाल बलुआ पत्थर): फतेहपुर सीकरी जैसे अद्भुत नगर का निर्माण; लाल पत्थर, स्तंभ–बीम शैली और ....

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