​भारत में क्रांतिकारी आंदोलन

20वीं सदी की शुरुआत में ब्रिटिश उपनिवेशी शासन के खिलाफ एक कट्टर प्रतिक्रिया के रूप में क्रांतिकारी आंदोलन उभरा। यह आंदोलन उग्र राष्ट्रवाद से प्रेरित था और इसका उद्देश्य भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए हिंसात्मक संघर्ष करना था। इसे दो चरणों में बाँटा जा सकता है — पहला चरण विश्व युद्ध से पहले का और दूसरा चरण युद्ध के बाद का।

  • प्रारंभिक क्रांतिकारी आंदोलन इटली के एकीकरण और आयरिश राष्ट्रवाद जैसे उदाहरणों से प्रेरित थे। उन्होंने ब्रिटिश वर्चस्व को चुनौती देने के लिए हिंसा और बलिदान के मार्ग को अपनाया। 1920 के दशक तक, असहयोग आंदोलन की असफल समाप्ति और ....
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