सिंधु अर्थव्यवस्था में व्यापार नेटवर्क और शिल्प विशेषज्ञता

लगभग 2600 ई.पू. से 1900 ई.पू. के बीच उत्तर-पश्चिम भारत और पाकिस्तान के विस्तृत क्षेत्र में सिंधु घाटी सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता) फली-फूली।

  • यह भारत की सबसे प्राचीन नगरीय आर्थिक व्यवस्था थी, जिसमें संगठित व्यापार, मानकीकृत उत्पादन और विशिष्ट शिल्पकला का अद्भुत विकास हुआ।
  • हड़प्पावासियों ने दक्षिण एशिया, मेसोपोटामिया, ईरान और मध्य एशिया तक फैला एक सुसंगठित अंतर-क्षेत्रीय व्यापारिक जाल तैयार किया, जो उस युग के कांस्य युगीन संसार में सबसे उन्नत था।

हड़प्पा सभ्यता की आर्थिक नींव

  • कृषि इस सभ्यता की आधारशिला थी, गेहूँ, जौ, मटर, खजूर और कपास की पैदावार से खाद्यान्न अधिशेष उत्पन्न हुआ, जिसने नगरों को पोषित किया।
  • हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, ....
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