आधुनिक भारत में महिला अधिकार आंदोलन

आधुनिक भारत में महिलाओं के अधिकारों का आंदोलन उन सामाजिक, कानूनी, राजनीतिक और सांस्कृतिक संघर्षों की श्रृंखला को दर्शाता है, जिनका उद्देश्य महिलाओं को समानता और सशक्तीकरण प्रदान करना था, यह यात्रा 19वीं सदी की शुरुआत से लेकर स्वतंत्रता-उपरांत भारत तक फैली हुई है।

  • यह आंदोलन गहराई से जमी पितृसत्तात्मक व्यवस्था, रूढ़िगत परंपराओं, शिक्षा की कमी तथा संपत्ति और राजनीतिक अधिकारों से वंचित होने की प्रतिक्रिया स्वरूप शुरू हुआ।
  • पश्चिमी उदारवादी विचारों, भारतीय पुनर्जागरण के सुधारकों, औपनिवेशिक कानूनी परिवर्तनों और बाद में राष्ट्रीय आंदोलन के प्रभाव से महिलाओं की स्थिति सुधारने की दिशा में कई प्रयास हुए।
  • इस संघर्ष को 3 प्रमुख चरणों ....
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