​गुप्त काल: विकेन्द्रीकृत प्रशासन और स्थानीय इकाइयों की भूमिका

गुप्त साम्राज्य (लगभग 320–550 ई.) का प्रशासन मौर्य साम्राज्य के अत्यधिक केंद्रीकृत मॉडल से एक महत्वपूर्ण विचलन था। इसका स्वरूप विकेन्द्रीकृत, अर्ध-सामंती संरचना का था, जिसमें स्थानीय स्वायत्तता और स्थानीय अभिजात वर्गों — जैसे श्रेणियों (Guilds) और सामुदायिक परिषदों — की शक्ति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

प्रमुख प्रशासनिक विशेषताएँ

  1. सामंत
    • साम्राज्य के एक बड़े हिस्से का अप्रत्यक्ष शासन कई सामंतों द्वारा किया जाता था, जो गुप्त सम्राटों के अधीन थे।
    • ये सामंत प्रतिग्रह (tribute) अदा करते, सम्राट के दरबार में उपस्थित होते, और सैन्य व वैवाहिक गठबंधनों में भाग लेते थे, लेकिन अपनी आंतरिक प्रशासन पर पर्याप्त स्वायत्तता बनाए रखते थे।
  2. वंशानुगत पद
    • कई ....
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