जलवायु-जनित आपदाएँ: अनुकूलन योजना और जलवायु वित्त का एकीकरण

भारत विश्व के शीर्ष 10 जलवायु-संवेदनशील देशों में शामिल है, जहाँ बाढ़, सूखा, चक्रवात, हीटवेव और हिमनदी झील विस्फोट (GLOFs) जैसी जलवायु-जनित आपदाओं की आवृत्ति लगातार बढ़ रही है। ये आपदाएँ अब केवल कभी-कभार घटित होने वाली घटनाएँ नहीं रहीं, बल्कि बढ़ते तापमान, अनियमित मानसून और बदलते समुद्र-स्तर से निर्मित लगातार दबावकारी चुनौतियाँ बन गई हैं। इनसे निपटने के लिए केवल प्रतिक्रियात्मक राहत उपायों से आगे बढ़ना होगा और अनुकूलन योजना (Adaptive Planning) तथा एकीकृत जलवायु वित्त तंत्र (Climate Finance Integration) को अपनाना होगा, ताकि दीर्घकालिक लचीलापन (Resilience) विकसित किया जा सके।

जलवायु-जनित आपदाएँ क्या हैं?

  • ये वे आपदाएँ हैं ....

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