विजयनगर साम्राज्य की राजस्व-व्यवस्था

विजयनगर साम्राज्य (1336–1646 ई.) ने एक जटिल और बहुआयामी राजस्व प्रणाली विकसित की, जो उसकी शक्तिशाली सेना और भव्य मंदिर-निर्माण परियोजनाओं के लिए आधार बनी। भूमि-राजस्व इसका मुख्य स्रोत था, परंतु अन्य करों और नायक व्यवस्था ने इसे विशिष्ट स्वरूप दिया। विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 में हरिहर प्रथम और बुक्का राय प्रथम भाइयों द्वारा की गई थी।

भूमि-राजस्व प्रणाली

  • निश्चित हिस्सा: सामान्यतः उपज का 1/6 भाग राज्य को दिया जाता था, पर युद्ध अथवा विशेष परियोजनाओं के समय यह 1/4 या 1/3 तक बढ़ सकता था।
  • मूल्यांकन: भूमि की उर्वरता, जल-सुविधा और फ़सल के प्रकार (सिंचित, असिंचित, बाग़-बगीचे) के आधार पर वर्गीकरण।
  • भुगतान: ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।
प्रारंभिक विशेष