जल शासन और नदी पुनर्जीवन

जल शासन से आशय उन राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक व्यवस्थाओं से है, जिनके माध्यम से जल संसाधनों का प्रबंधन और आवंटन किया जाता है। भारत के पास विश्व की 18% जनसंख्या है, लेकिन मात्र 4% ताजे जल संसाधन, इस कारण जल-संकट एक गंभीर चुनौती है। नदियाँ जो सभ्यताओं और पारिस्थितिकीय तंत्रें की जीवनरेखा हैं, आज प्रदूषण, अत्यधिक दोहन, अतिक्रमण और जलवायु परिवर्तन की मार झेल रही हैं। ऐसे में नदी पुनर्जीवन सतत विकास का केंद्रीय विषय बन गया है।

हालिया प्रगति

  • अप्रैल 2025: जल शक्ति मंत्री ने जलाशयों की भंडारण स्थिति की निगरानी हेतु एक नया वेब-पोर्टल लॉन्च ....

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