कौटिल्य का ‘अर्थशास्त्र’ : एक राजनैतिक चिंतन

कौटिल्य की राजनीतिक दर्शनशास्त्र (जैसा कि ‘अर्थशास्त्र’ में प्रतिपादित है) शासन की एक व्यावहारिक (Pragmatic) और यथार्थवादी (Realist) दृष्टि को प्रस्तुत करता है। इसमें राज्य के अस्तित्व, सुरक्षा और समृद्धि को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। कौटिल्य ने शासन में सशक्त केंद्रीकृत सत्ता, कुशल प्रशासन, तथा गुप्तचर प्रणाली, कूटनीति और बल को राज्य-शास्त्र के आवश्यक उपकरणों के रूप में स्वीकार किया।

कौटिल्य का राजनीतिक दर्शन

  • कौटिल्य का राजनीतिक दर्शन यथार्थवाद (Realpolitik) पर आधारित था, जो सत्ता और स्थिरता बनाए रखने के लिए व्यावहारिक और कभी-कभी कठोर नीतियों का समर्थन करता है।
  • उनके अनुसार, राजनीति स्वभावतः संघर्ष और प्रतिस्पर्धा से युक्त होती है, ....
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