कार्बन सिंक, कार्बन बाज़ार, और भारत की कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना

जलवायु परिवर्तन आज मानवता के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। बढ़ते तापमान, चरम मौसम घटनाएँ और समुद्र स्तर वृद्धि ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को नियंत्रित करना अनिवार्य है। इस संदर्भ में कार्बन सिंक, कार्बन बाज़ार और कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना तीन ऐसे स्तंभ हैं जो पर्यावरणीय स्थिरता और आर्थिक विकास को एक साथ जोड़ते हैं।

  • भारत, जो विश्व की तीसरी सबसे बड़ी उत्सर्जक अर्थव्यवस्था है, ने पेरिस समझौते के तहत 2030 तक उत्सर्जन तीव्रता को 45% तक घटाने का लक्ष्य रखा है।
  • इस लक्ष्य को पाने के लिए भारत ने ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2022 ....
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