वैदिक संस्कृति: अनुष्ठान, दर्शन एवं भौतिक जीवन

वैदिक संस्कृति, जो प्रारंभिक वैदिक काल (1500–1000 ई.पू.) से लेकर उत्तर वैदिक काल (1000–500 ई.पू.) तक विस्तृत है, यही प्राचीन भारतीय सभ्यता की नींव मानी जाती है। यह केवल धार्मिक या दार्शनिक विचारों का ही नहीं, बल्कि उस युग के सामाजिक, आर्थिक एवं भौतिक जीवन का भी समग्र प्रतिबिंब है, जो दर्शाती है कि समाज ने ब्रह्मांड को कैसे समझा, मानव गतिविधियों को कैसे संगठित किया और दैनिक जीवन को कैसे बनाए रखा।

  • इस काल का ज्ञान हमें वेदों, ब्राह्मण ग्रंथों, उपनिषदों तथा पंजाब, गंगा–यमुना के मैदानों और राजस्थान में मिले पुरातात्त्विक प्रमाणों से मिलता है। वैदिक संस्कृति ने निरंतरता का ....
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