​महाजनपद युग: प्रारंभिक राज्य प्रशासन का उद्भव

महाजनपद युग से पूर्व भारत का प्रशासनिक तंत्र छोटे-छोटे जनपदों या जनजातीय इकाइयों पर आधारित था, जहाँ सत्ता प्रमुखों या राजनों के हाथों में केंद्रित होती थी। किंतु यह सत्ता पूर्णतः निरंकुश नहीं थी, उसे सभा और समिति जैसी जनजातीय परिषदों द्वारा नियंत्रित किया जाता था। उस काल में कराधान की कोई औपचारिक व्यवस्था नहीं थी; शासन मुख्यतः स्वैच्छिक अंशदान या उपहारों (बली, कर, दक्षिणा) पर निर्भर था। प्रशासनिक संरचना विकेन्द्रित थी और निष्ठा राजकीय भूभाग की बजाय कुल अथवा कबीले के प्रति होती थी। यही जनजातीय शासन-व्यवस्था आगे चलकर महाजनपदों के रूप में विकसित हुई, जो आकार, शक्ति और ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।
प्रारंभिक विशेष