लोकसभा के उपाध्यक्ष: संवैधानिक स्थिति और रिक्ति विवाद

लोकसभा के उपाध्यक्ष का पद, अनुच्छेद 93 के अंतर्गत स्थापित एक संवैधानिक पद है, जिसका दायित्व है कि अध्यक्ष की अनुपस्थिति में सदन की कार्यवाही को सुचारु रूप से संचालित करे। संविधान इस पद को अनिवार्य करता है, किंतु यह पद 17वीं लोकसभा (2019) से लेकर अब तक, 18वीं लोकसभा में भी रिक्त पड़ा हुआ है। इससे कानूनी और राजनीतिक बहस तेज हो गयी है। यह स्थिति संविधान में निहित यथाशीघ्र (as soon as may be) की भावना का उल्लंघन है और उस लंबे समय से चले आ रहे संसदीय परंपरा को तोड़ती है, जिसके अंतर्गत यह पद प्रायः विपक्ष ....

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