भारत में नैनोइलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण: पहल और चुनौतियाँ

भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए सेमीकंडक्टर और नैनोइलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का विकास अत्यंत आवश्यक है।

  • ये तकनीकें स्मार्टफोन, कंप्यूटर, 5G, ऑटोमोबाइल्स, रक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों की रीढ़ हैं।
  • भारत सरकार ने इस दिशा में अनेक योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन अनेक तकनीकी और नीतिगत चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं।

प्रमुख पहलें

  • सेमीकंडक्टर विनिर्माण का विस्तार: भारत सरकार ने "मेक इन इंडिया" के तहत सेमीकंडक्टर विनिर्माण को प्राथमिकता दी है।
  • गुजरात के साणंद में केनेस सेमीकॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, वेदांता-फॉक्सकॉन जैसी कंपनियाँ सेमीकंडक्टर फैब स्थापित कर रही हैं।
  • प्रोत्साहन योजनाएँ: इलेक्ट्रॉनिक पुर्जों और ....
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