अनुसूचित जातियों (SCs) का उप-वर्गीकरण संवैधानिक रूप से वैध

अगस्त 2024 में, सर्वोच्च न्यायालय की 7 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया।

  • यह फैसला "पंजाब राज्य बनाम दविंदर सिंह एवं अन्य" नामक वाद में दिया गया।
  • इस निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2005 में दिए गए ई.वी. चिनय्या बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले के फैसले को पलट दिया, जिसमें अनुसूचित जातियों के भीतर किसी भी प्रकार के उप-वर्गीकरण पर रोक लगा दी गई थी।
  • न्यायालय ने स्पष्ट किया कि उप-वर्गीकरण का उद्देश्य केवल आरक्षण देना नहीं, बल्कि समान अवसर की वास्तविक उपलब्धता सुनिश्चित करना है, ताकि समाज के सबसे वंचित ....
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