मुगल काल में कृषि का विकास (1526–1707 ई.)

मुगल काल भारत के इतिहास में एक ऐसा दौर था जब कृषि उत्पादन, भूमि उपयोग और सिंचाई व्यवस्था अपने चरम पर थी। यह वह समय था जब भारत की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित थी, जो न केवल राज्य के राजस्व का प्रमुख स्रोत, बल्कि साम्राज्य की स्थिरता और समृद्धि का भी आधार था। संगठित राजस्व प्रशासन (ज़ब्त प्रणाली), व्यापक सिंचाई व्यवस्था और बाज़ार से जुड़ी कृषि नीतियों के कारण मुगल भारत एक समृद्ध, बहु-फसली और क्षेत्रीय विविधता वाला कृषि तंत्र बन गया।

कृषि का आधार और पर्यावरणीय परिस्थितियाँ

  • भारतीय उपमहाद्वीप की भौगोलिक विविधता, उपजाऊ गंगा-यमुना के मैदानों से लेकर ....

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