परिसीमन एवं प्रतिनिधित्व: जनसांख्यिकीय बहस

परिसीमन का अर्थ है लोक सभा एवं विधानसभाओं की निर्वाचन-सीमाओं का पुनर्निर्धारण, ताकि जनसंख्या के अनुपात में समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके। अंतिम परिसीमन कार्य 2008 में परिसीमन आयोग के अंतर्गत हुआ था, जबकि 84वें संविधान संशोधन (2001) ने 2026 की जनगणना के बाद तक सीटों के आवंटन पर रोक लगा दी थी।

केरल व तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों में प्रजनन दर (TFR ~1.8) नियंत्रित है, जबकि बिहार जैसे उत्तरी राज्यों में प्रजनन दर (TFR ~3.0) अब भी उच्च बनी हुई है। ऐसे में आगामी परिसीमन को लेकर यह आशंका प्रबल है कि प्रगतिशील राज्यों की राजनीतिक आवाज़ कमज़ोर हो सकती ....

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