जल संकट एवं जलवायु सहनशीलता

भारत तीव्र जल संकट के कगार पर खड़ा है। जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा की अनिश्चितता, भूजल क्षरण और हिमनद भंडारों की हानि गंभीर रूप से बढ़ रही है। यह संकट आर्थिक वृद्धि, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और करोड़ों लोगों के जीवन पर खतरा बन चुका है, जिसके लिए मजबूत जलवायु-प्रतिरोधी प्रबंधन रणनीतियों की आवश्यकता है।

हालिया प्रगति

  • अगस्त 2025 की एक रिपोर्ट ने चेतावनी दी कि जलवायु परिवर्तन-जनित सूखा और बाढ़ से तीव्र हुई वैश्विक जल संकट की समस्या यदि समय रहते बुनियादी ढाँचे और जल प्रबंधन में निवेश न किया गया तो वैश्विक अर्थव्यवस्था को खरबों डॉलर का नुकसान ....

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