जनजातीय स्वायत्तता और छठी अनुसूची: वर्तमान स्थिति एवं मांग

भारतीय संविधान की छठी अनुसूची जनजातीय समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए बनाई गई एक संवैधानिक व्यवस्था है। इसके अंतर्गत स्वायत्त जिला परिषदों (ADCs) की स्थापना की गई है, जिन्हें विधायी, न्यायिक और प्रशासनिक शक्तियाँ प्रदान की गई हैं। वर्तमान में यह प्रावधान असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के जनजातीय क्षेत्रों में लागू है।

  • इसका मुख्य उद्देश्य मूल निवासी जनजातियों की विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान, भूमि अधिकारों और परंपराओं की रक्षा करना है।

हाल के घटनाक्रम

  • सबसे महत्वपूर्ण हालिया घटनाक्रम लद्दाख में छठी अनुसूची लागू करने की लगातार और व्यापक मांग है।
  • 2019 में लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने के बाद, ....
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