समुद्री डिकार्बोनाइजेशन एवं जलवायु नीति

भारत 2047 तक अपने प्रमुख बंदरगाहों को नेट-जीरो और 2070 तक सम्पूर्ण शिपिंग क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है।

हालिया प्रगति

  • ग्रीन शिपिंग कॉन्क्लेव 2025: स्वच्छ ईंधन, हरित पोर्ट संचालन और शिपबिल्डिंग।
  • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशनः हाइड्रोजन, अमोनिया, बायोफ्रयूल्स को शिपिंग में बढ़ावा।

चुनौतियाँ

  • शून्य-कार्बन ईंधन का अभाव।
  • जहाजों का रेट्रोफिटिंग व बंदरगाह अवसंरचना महँगी।
  • IMO के तहत वैश्विक सहमति का अभाव।
  • तकनीकी व वित्तीय अंतराल।
  • भारत का शिपिंग क्षेत्र अब भी जीवाश्म ईंधन पर निर्भर।

प्रभाव और निहितार्थ

  • सामाजिकः स्वास्थ्य लाभ, हरित रोजगार, महिला भागीदारी।
  • राजनीतिकः वैश्विक नेतृत्व, जलवायु कूटनीति।
  • आर्थिकः निर्यात क्षमता, स्वच्छ व्यापार मार्ग।
  • तकनीकीः हाइड्रोजन हब, AI, CCSA।
  • पर्यावरणीयः प्रदूषण ....


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