12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17)

  • दृष्टिकोण-तीव्र, धारणीय एवं अधिक समावेशी विकास
  • औसत वार्षिक विकास दर का लक्ष्य- 8%
  • कृषि विकास दर का लक्ष्य-4.0%
  • बुनियादी ढांचों के लिए 10 खरब डॉलर निवेश की आवश्यकता।
  • गैर-कृषि क्षेत्र में 5 करोड़ रोजगार के अवसर का सृजन किया जाना।
  • योजना के दौरान राजकोषीय घाटे को 3% तक सीमित करने का लक्ष्य। योजनावधि में सब्सिडी को जीडीपी के 1.2% के बीच रखने का लक्ष्य। जीडीपी के औसत सकल पूंजी निर्माण दर का अनुमानित लक्ष्य - 37%। जीडीपी के औसत सकल घरेलू बचत दर का अनुमानित लक्ष्य - 34.2%
  • शिशु मृत्यु दर को 44 से कम कर 25 के स्तर पर लाना तथा मातृत्व मृत्यु दर को 212 से कम कर 100 पर लाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • दीर्घावधि नीति की दृष्टि से 12वीं योजना को तीन प्रमुख हिस्सों में बांटा जा सकता है-
  • पहला, सरकारी कार्यक्रमों की रूपरेखा, जिनका उद्देश्य विशिष्ट क्षेत्रें के उद्देश्यों को प्राप्त करना है।
  • योजना का दूसरा हिस्सा व्यापक आर्थिक संतुलन से संबंधित है।
  • योजना का तीसरा हिस्सा है वे नीतियां जिनसे अलग- अलग क्षेत्रें में कार्य निष्पादन में सुधार लाया जा सकता है।

इस योजना का केन्द्रीय संदेश यही है कि हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं, अगर हम ऐसी नीतियां बनायें, जो हमारी कमजोरियों को दूर कर सके। नीतियों की भूमिका के महत्व को दर्शाते हुए योजना में पहली बार वैकल्पिक परिदृश्य प्रस्तुत किए गए हैं।