वार्षिक योजनाएं

  • राजनैतिक अस्थायित्व और भुगतान संतुलन संकट के कारण 1990-92 के दौरान पंचवर्षीय योजनाएं लागू नहीं की जा सकी।

नीति आयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन के दौरान योजना आयोग, जिसे सेवानिवृत्त सिविल सेवकों का पार्किंग ग्राउंड की संज्ञा दी जाती है, को समाप्त कर, उसकी जगह एक नयी संस्था स्थापित करने की घोषणा की। यह नयी संस्था 7 सदस्यीय एक थिंक टैंक है। इस 7 सदस्यीय थिंक टैंक में एक अध्यक्ष और 6 सदस्य हैं।

  • योजना आयोग की स्थापना 15 मार्च, 1950 को हुई थी। इसकी स्थापना पूर्ववर्ती सोवियत संघ के औद्योगिकीकरण से प्रेरणा लेकर किया गया था।
  • जवाहर लाल नेहरू योजना आयोग के प्रथम अध्यक्ष थे।
  • भारत का प्रधानमंत्री, योजना आयोग का पदेन अध्यक्ष होता है।
  • गुलजारी लाल नंदा योजना आयोग के प्रथम उपाध्यक्ष थे।
  • मोंटेक सिंह अहलूवालिया योजना आयोग के अंतिम उपाध्यक्ष थे।
  • योजना आयोग के जो व्यक्ति उपाध्यक्ष बने उनमें प्रणब मुखर्जी बाद में राष्ट्रपति तथा गुलजारी लाल नंदा एवं मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री बने।

1 जनवरी, 2015 को भारत सरकार ने योजना आयोग के स्थान पर नेशनल इन्स्टीच्यूट फॉर ट्रांसफार्मिंग इण्डिया(छप्ज्प्) या नीति आयोग की घोषणा की। योजना आयोग की तरह नीति आयोग का गठन भी केंद्रीय मंत्रीमंडल के निर्णय से हुआ है। प्रधानमंत्री नीति आयोग के अध्यक्ष हैं तथा नीति आयोग के एक उपाध्यक्ष की नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा की गई है।

NITI आयोग की संरचना

  • 12वीं योजना जिसका कार्यकाल 1 अप्रैल, 2012 से लेकर 31 मार्च, 2017 तक था, समाप्त हो गई है। यह एक तरह से भारत की अंतिम पंचवर्षीय योजना थी।
  • पंचवर्षीय योजनाओं के स्थान पर त्रिवर्षीय एक्शन प्लान (Three-year Action Plan) को 7 अप्रैल, 2017 से लागू कर दिया गया है।
  • नीति आयोग को 15 वर्ष के एक विजन दस्तावेज (15 years vission documents and a seven year strategy) और 7 वर्षीय रणनीति पर काम सौंपा गया है जो कि 2030 तक सरकार के विकास कार्यों का मार्गदर्शन करेगा।

अध्यक्ष - प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी)

उपाध्यक्षडॉ - राजीव कुमार

पूर्णकालिक सदस्यप्रो - रमेश चंद्र, वी-के- सारस्वत, बिबेक देवरॉय, डॉ- वी-के- पॉल

मुख्य कार्यकारी अधिकारी - अमिताभ कांत

उद्देश्यः राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं, क्षेत्रें और रणनीतियों का एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना।

  • प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय एजेंडा का प्रारूप उपलब्ध कराना।
  • सहयोगपूर्ण संघवाद को बढ़ावा देना।
  • ग्राम स्तर पर विश्वसनीय योजना तैयार करने के लिए तंत्र विकसित करना।
  • रणनीतिक और दीर्घावधिक कार्यक्रम का ढांचा तैयार करना।
  • लघु उद्योगों के विकास के लिए सरकार ने 1990 में सिडबी (Small Industrial Development Bank of India-SIDBI) की शुरुआत की। इसका मुख्यालय कोलकाता में है।
  • 1991 में भारत में आर्थिक सुधार (उदारीकरण, निजीकरण व वैश्वीकरण) की घोषणा की गई।