साइबर सुरक्षा के लिए नई चुनौतियां

विगत् वर्ष मई माह में ब्रिटेन की सार्वजनिक मेडिकल सेवा एनएचएस का सिस्टम हैक हो गया। जैसे-जैसे समय बीता वैसे-वैसे दुनिया के 150 देशों के कई प्रतिष्ठान संस्थान वानाक्राई मालवेयर की चपेट में आ गए। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम वाले कंप्यूटरों की स्क्रीन पर एक मैसेज बॉक्स आया। उस पर लिखा था कि ‘ऊप्स, आपकी फाइलें इनक्रिप्ट हो चुकी हैं।' डाटा को छुड़ाने के लिए फिरौती मांगी गई। वायरस या मालवेयर के इस ‘‘अभूतपूर्व'' साइबर हमले से 150 देशों में दो लाख उपभोक्ता प्रभावित हुए हैं और इन पीडि़तों में बड़ी कंपनियों सहित कई कॉरपोरेट भी शामिल हैं।' शुक्रवार को हुए इस हमले में वायरस ने भारत, ब्रिटेन, रूस, स्पेन और फ्रांस सहित 100 देशों में फैली यूजर फाइलों पर नियंत्रण कर लिया था।

भारत में भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वायरस अटैक पर बैंकों को चेतावनी जारी की। आरबीआई ने बैंकों को अलर्ट करते हुए कहा कि रैन्समवेयर वायरस का अटैक एटीम पर भी हो सकता है, इसलिए बैंकों को सचेत रहना चाहिए। देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को विश्व भर में तेजी से फैल रहे वानाक्राई रैन्समवेयर की हानिकारक गतिविधियों को लेकर आगाह किया है।

भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल ने लाल रंग की गंभीर चेतावनी जारी की है। सीईआरटी-इन ने व्यक्तियों और संगठनों के लिये बचाव के कई उपाय सुझाए हैं। जापान में कंप्यूटर हमलों से निपटने के लिए सहयोग करने वाली गैर-सरकारी संस्था ‘द जापान कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम को ऑर्डिनेशन सेंटर' ने कहा कि अब तक जापान में भी 600 स्थानों पर 2000 कंप्यूटरों के प्रभावित होने की सूचना है। यह सभी घटनाएं बहुत ही कम समय में पूरी दुनिया के लोगों के लिए सिरदर्द बन गई। बैंकों, सरकारी एजेंसियों, रक्षा एजेंसियों और यहां तक कि व्यक्तिगत कम्यूटरों के आंकड़ों का इस तरह से गायब हो जाना या दूसरे के द्वारा कब्जा कर लेना, वाकई में बहुत खतरनाक स्थिति थी/है।

रैन्समवेयर क्या है?

कंप्यूटर वायरस (Vital Information Resource Under Siegle - Virus) एक प्रोग्राम है, जिसे मुख्य रूप से दूसरे प्रोग्राम के कार्य में अवरोध डालने के उद्देश्य से तैयार किया जाता है। यह उपयोगकर्ता की अनुमति के बिना उसके कंप्यूटर को संक्रमित कर सकता है, सबसे खास बात यह है कि उपयोगकर्ता को इसका पता भी नहीं चलता है। विभिन्न प्रकार के मालवेयर और एडवेयर प्रोग्राम के संदर्भ में भी वायरस शब्द का उपयोग सामान्य तौर पर होता है। रैन्समवेयर अब तक का सबसे बड़ा वायरस हमला है।

इस वायरस का नाम वानाक्राई है। ‘रैन्सम’ का अर्थ फिरौती होता है। रैन्समवेयर एक ऐसा सॉफ्रटवेयर है, जिससे कम्प्यूटर में वायरस आ जाता है और यूजर तब तक इसे खोल नहीं पाता जब तक कि वह इसे अनलॉक करने के लिए रैन्सम (फिरौती) नहीं देता। ‘वानाक्राइ’ वायरस केवल उन्हीं कम्प्यूटरों को अपना शिकार बनाता है जो विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं। अगर विंडोज अपडेट नहीं करते, ई-मेल खोलते या पढ़ते वक्त एहतियात नहीं बरतते तो यह खतरा हो सकता है। इसे वॉर्म नाम के एक कम्प्यूटर वायरस के जरिए फैलाया गया लगता है। दूसरे कम्प्यूटर वायरसों के उलट वानाक्राई खुद-ब-खुद किसी नेटवर्क में फैलता है। वायरस अटैक में अक्सर एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक वायरस फैलाने में इन्सानों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है किन्तु इसमें किसी मेल के जरिए लोगों को एक लिंक पर क्लिक करने के लिए उकसाया जाता है। एक बार वानाक्राई किसी नेटवर्क के सिस्टम में दािखल हो गया तो वो शिकार बनाए जा सकने वाली मशीनों की तलाश शुरू कर देता है। इसके माध्यम से साइबर अटैकर्स वर्चुअल करेन्सी बिटकॉइन में 300 डॉलर की फिरौती की मांग करते हैं किन्तु जैसे-जैसे समय बीतता है फिरौती की रकम बढ़ती जाती है और एक निश्चित समय के बाद कोई भी कम्यूटर डाटा वापस नहीं पाया जा सकता।