समावेशी विकास सूचकांक, 2018

विश्व आर्थिक मंच ने जनवरी, 2018 में इन्क्लुसिव डेवलपमेंट इंडेक्स यानी ‘समावेशी विकास सूचकांक 2018’ (Inclusive Development Index-IDI 2018) जारी किया। सूचकांक में विश्व की 73 उदीयमान अर्थव्यवस्थाओं में भारत 62वें स्थान पर है। विगत वर्ष भारत की रैंकिंग 60वीं थी और इस तरह समावेशन के मामले में और पिछड़ गया है। भारत की रैंकिंग चीन (26) व पाकिस्तान (47) से भी नीचे है। इस सूचकांक में विश्व की 103 अर्थव्यवस्थाओं को तीन मानकों, वृद्धि एवं विकास, समावेशन एवं अंतर-पीढ़ीय इक्विटी पर मापा गया। इसी आधार पर विभिन्न देशों को रैंकिंग प्रदान की गई। सूचकांक में वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को दो श्रेणियों में बांटा गया, विकसित देशों की श्रेणी जिसमें 29 देश हैं एवं उदीयमान अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी जिसमें 73 देशों को रखा गया है। सभी अर्थव्यवस्थाओं को पुनः पांच उप-श्रेणियों में बांटा गया, नीचे की ओर खिसकना, मंद गति से नीचे की ओर खिसकना, स्थिर, मंद गति से आगे बढ़ना, आगे बढ़ना (एडवांस)।

भारत में समावेशी विकासः कार्यक्रम व योजनाएं

  • वर्ष 2014-15 में 8000 करोड़ के बजटीय प्रावधान से सरकार द्वारा ‘2022 तक सभी के लिए घर’ योजना शुरू की गई।
  • 2017-18 बजट में ‘दीनदयाल उपाध्याय ज्योति योजना’ के अंतर्गत सभी गांवों का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के अंतर्गत मार्च 2019 तक सभी बीपीएल परिवारों को इस योजना के तहत शामिल किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के तहत फसल कवरेज क्षेत्र में वर्ष 2018-19 तक 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रख गया है।
  • ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ छोटे उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए ऋण उपलब्ध कराने की योजना है।
  • समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार का लक्ष्य मार्च 2019 तक 55,000 से अधिक गांव को मोबाइल कनेक्विटी उपलब्ध कराना और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना है।