भारत-रूस स्थायी साझेदार

भारत और रूस के बीच अक्टूबर, 2018 के दौरान नई दिल्ली में 19वां वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मलेन (19th India-Russia Annual Bilateral Summit) आयोजित हुआ। इस सम्मलेन में 8 द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर हुए और बहुप्रतीक्षित एस-400 नामक हवाई रक्षा प्रणाली की खरीद पर भी सौदा संपन्न हुआ। परमाणु ऊर्जा, रेलवे और भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन परियोजना ‘गगनयान’ पर सहयोग जैसे क्षेत्रों से सम्बंधित 8 समझौतों पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किए हैं-

  1. 2019-2023 अवधि के लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच परामर्श के लिए प्रोटोकॉल।
  2. रूस के आर्थिक विकास मंत्रालय और नीति आयोग के बीच समझौता।
  3. मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोसकोसमोस (Roscosmos) के बीच समझौता।
  4. भारतीय और रूसी रेल परिवहन के बीच सहयोग।
  5. परमाणु क्षेत्र में प्राथमिकता तथा सहयोग क्षेत्र के क्रियान्वयन के लिए कार्य योजना।
  6. रेल सम्बन्धी शिक्षा में सहयोग पर रूस के परिवहन मंत्रालय और भारतीय रेलवे के बीच समझौता।

एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल डीलः भारत ने रूस के साथ 5.43 अरब डॉलर (40,300 करोड़ रुपये) में पांच एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल प्रणाली (S&400 Triumf missile system) के अनुबंध पर हस्ताक्षर किया, जो कि भारत के सबसे बड़े रक्षा सौदों में से एक है। रूस की लम्बी दूरी की यह रक्षा मिसाइल प्रणाली सतह-से-हवा में मार करती है।

आर्थिक संबंधः भारत-रूस व्यापार शिखर बैठक को संबोधित करते हुए पुतिन ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान के 10.5 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2025 तक 25 अरब डॉलर और निवेश 30 अरब डॉलर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अतिरिक्त रूस ने तेल व ऊर्जा के साथ-साथ आर्कटिक क्षेत्र में संयुक्त निवेश की बात कही।