जैव ईंधान के लिए एंजाइम प्रौद्योगिकी

अक्टूबर, 2019 को नई दिल्ली में स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी (International Centre for Genetic Engineering and Biotechnology - ICGEB) के वैज्ञानिकों ने कृषि अपशिष्ट से जैव ईंधन के उत्पादन को बढ़ाने वाले एंजाइम (enzymes) के लिए अमेरिकी पेटेंट एवं ट्रेडमार्क कार्यालय से पेटेंट प्राप्त किया।

  • जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिकों ने कृषि अपशिष्ट में पाये जाने वाले फंगस पेनिसिलियम फनिकुलोसम (fungus penicillium funiculosum) की चयापचय गतिविधि को एंजाइम की मदद से बाधित कर दिया।
  • कार्बन कैटोबोलाइट (carbon catabolite) तंत्र को नियंत्रित करने से वैज्ञानिकों को उन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिली, जो सेल्यूलोज (cellulose) को शर्करा में परिवर्तित कर सकती है। इस प्रकार जैव ईंधन के उत्पादन में वृद्धि हुई है।
  • वैज्ञानिकों ने पेनिसिलियम कवकनाशक (penicillium funiculosum - PF) का चयन इसलिए किया, क्योंकि यह विघटित होने वाले सेल्यूलोज में ट्राइकोडर्मा रीसी (Trichoderma reesei) की तुलना में पांच गुना अधिक सक्रिय एंजाइम (CBHI) का उत्पादन कर सकता है। सामान्यतः इस सेल्यूलोज का उपयोग औद्योगिक एंजाइम के कॉकटेल में किया जाता है।