कोशिका के चय-अपचय पर ऑक्सीजन का प्रभाव

अक्टूबर, 2019 फिजियोलॉजी (Physiology) या मेडिसिन (Medicine) के क्षेत्र में तीन वैज्ञानिकों, विलियम जी- केलिन जूनियर (William G. Kaelin Jr.), सर पीटर जे. रैटक्लिफ (Sir Peter J.K Ratclfife) और ग्रीग एल. सेमेन्जा (Gregg L.K Semeæa) को कोशिका इंजीनियरिंग (Cell Engineering) के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया।

  • इन वैज्ञानिकों ने अपनी खोज में यह बताया कि शरीर की कोशिकाएँ किस प्रकार संवेदनशील होती हैं तथा ऑक्सीजन की उपलब्धता के अनुसार खुद को अनुकूलित करती हैं।
  • गहन श्रम के दौरान मांसपेशियों में ऑक्सीजन की आपूर्ति अस्थायी रूप से कम हो जाती है और ऐसी स्थितियों में कोशिकाएं अपने चय-अपचय (metabolism) को उपलब्ध ऑक्सीजन के स्तर तक अनुकूलित करती हैं। भ्रूण (foetus) एवं गर्भनाल (placenta) की उचित वृद्धि कोशिकाओं द्वारा ऑक्सीजन संवेदन करने की क्षमता पर निर्भर करती है।
  • ऑक्सीजन-संवेदन प्रणाली की क्षमता को बढ़ाकर कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। कोशिकाओं में ऑक्सीजन को रोकने या अवरुद्ध करने से कैंसर, दिल का दौरा तथा उच्च रक्तचाप के उपचार में बाधा आ सकती है। प्रो. सेमेन्जा (Semenza) तथा सर रैटक्लिफ (Ratcliffe) दोनों ने यह खोज की कि एरिथ्रोपोइटिन (erythropoietin) जीन को अलग-अलग स्तरों पर ऑक्सीजन द्वारा किस प्रकार नियंत्रित किया जाता है। दोनों शोधकर्ताओं ने पाया कि ऑक्सीजन-संवेदी तंत्र एरिथ्रोपोइटिन उत्पन्न करने वाले गुर्दे तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह गुर्दे के अलावा ऊतकों तथा विभिन्न कोशिकाओं तक फैला हुआ है।