नैनो-फ़ार्मास्यूटिकल का मूल्यांकन

अक्टूबर, 2019 को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नई दिल्ली में नैनो-फार्मास्यूटिकल (Nanopharmaceuticals) के मूल्यांकन के लिए दिशा-निर्देश जारी किया था। इस दिशा-निर्देश (Guidelines) को जैव प्रौद्योगिकी विभाग (Department fo Biotechnology), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) तथा केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organization) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है।

दिशा-निर्देशः नैनोफार्मास्यूटिकल्स की गुणवत्ता, सुरक्षा एवं प्रभावकारिता सुनिश्चित करना। शेडड्ढूल वाई (Schedule Y) ऑफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल्स, 1945 और न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल रूल्स, 2019 (New Drugs and Clinical Trials Rules) की दूसरी अनुसूची के प्रावधानों के अनुरूप विकसित किया गया है। दिशा-निर्देश द्वारा नैनो-फार्मास्युटिकल्स को परिभाषित किया गया है और इसे गिरावट के स्तर तथा कार्बनिक या अकार्बनिक प्रकृति के अनुसार वर्गीकृत किया गया है। ये दिशा-निर्देश नैनोकणों या सूक्ष्मजीवों वाले पारंपरिक (conventional) दवा या प्रोटीन वाले दवा उत्पादों पर लागू नहीं होते हैं। साथ ही चिकित्सा उपकरणों, इन विट्रो डायग्नोस्टिक्स (in vitro diagnostics), ऊतक द्वारा बने दवाओं तथा नैनोपार्टिकल (nanoparticle) एवं नैनोटेक्नोलॉजी (nanotechnology) संशोधित कोशिका आधारित उपचारों पर भी लागू नहीं होते हैं। नैनो-फार्मास्यूटिकल्स के लिए पहले से तैयार सूत्र को दिशा-निर्देश द्वारा लागू किया गया है। इसके अलावा नए मोलेक्युल (molecule) के सक्रिय फार्मास्युटिकल संघटक (Active Pharmaceutical Ingredient) या पहले से ही स्वीकृत मोलेक्युल के साथ परिवर्तित नैनोस्केल आयामों को शामिल किया गया है।

नैनो-फार्मास्युटिकल्स से सम्बंधित दिशा निर्देशों का प्रभाव

प्रभावी अनुसंधानः इन दिशा-निर्देशों से विशिष्ट नैनो तकनीक वाले दवा के विकास की दिशा में प्रभावी शोध का मार्ग प्रशस्त करेंगे। भारतीय शोधकर्ताओं को नियामक के दिशा-निर्देशों के अनुरूप अनुसंधान करने की सुविधा होगी।

निर्णय लेने की सुविधाः नैनो-प्रौद्योगिकी पर आधारित नए उत्पादों को मंजूरी के दौरान नियामक को दिशा-निर्देशों से निर्णय लेने में सुविधा होगी और इस प्रकार शोधकर्ता गुणवत्ता पूर्ण उत्पादों का विकास कर सकेंगे।

अंतिम उपयोगकर्ता को लाभः दिशा-निर्देशों के अनुसार बाजार में गुणवत्ता उत्पाद उपलब्ध होंगे, जिससे अंतिम उपयोगकर्ता को भी लाभ मिलेगा।

दूसरे क्षेत्र के लिए सुरक्षा दिशा-निर्देशः नैनो-टेक्नोलॉजी के हस्तक्षेपों के माध्यम से कृषि-निवेश तथा कृषि-उत्पादों, सौंदर्य प्रसाधन, प्रत्यारोपण उपकरणों जैसे दूसरे क्षेत्र के लिए भी सुरक्षा उपाय अपनाने के दिशा-निर्देश विकसित करने में मदद मिल सकती है।