निधन

कमला भसीन

प्रख्यात महिला अधिकार कार्यकर्ता, कवयित्री और लेखिका कमला भसीन का 25 सितंबर, 2021 को दिल्ली में निधन हो गया। वे 75 वर्ष की थी।

  • चार साल तक उदयपुर स्थित ‘सेवा मंदिर’ नामक एक ग्रामीण गैर-सरकारी संगठन के साथ काम करने के बाद, भसीन ने वर्ष 1976 - 2002 तक संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के साथ काम किया।
  • भसीन दक्षिण एशियाई नारीवादी नेटवर्क ‘संगत’ की संस्थापक और महिला संसाधन केंद्र ‘जागोरी’ की सह-संस्थापक थीं। वह कई अन्य संगठनों से जुड़ी रहने के अलावा, ‘वन बिलियन राइजिंग’ अभियान (One Billion Rising campaign) की दक्षिण एशियाई समन्वयक भी थी। वह अपनी कविता ‘क्योंकि मैं एक लड़की हूं, मुझे पढ़ना है’ के लिए जानी जाती हैं।

तनु पद्मनाभन

प्रख्यात खगोल भौतिक विज्ञानी और ब्रह्मांड विज्ञानी तनु पद्मनाभन का 17 सितंबर, 2021 को पुणे में निधन हो गया। वे 64 वर्ष के थे।

  • उन्होंने स्नातक (बीएससी) की पढ़ाई के दौरान मात्र 20 साल की उम्र में अपना पहला शोध पत्र ‘सामान्य सापेक्षता’ (General Relativity) में प्रकाशित किया।
  • पुणे स्थित खगोलशास्त्र एवं खगोलभौतिकी अन्तरविश्वविद्यालय केन्द्र (IUCAA) में प्रोफेसर रहे पद्मनाभन ने गुरुत्वाकर्षण और ब्रह्मांड में संरचना निर्माण पर शोध किया था।
  • उन्हें 2009 में इंफोसिस साइंस फाउंडेशन द्वारा भौतिक विज्ञान में ‘इंफोसिस साइंस पुरस्कार’ दिया गया था। प्रोफेसर पद्मनाभन ने 2008 में ग्रेविटी रिसर्च फाउंडेशन, यूएसए द्वारा प्रतिष्ठित ‘ग्रेविटी निबंध प्रतियोगिता’ में प्रथम पुरस्कार भी जीता था।
  • वर्ष 2007 में उन्हें ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया गया था।

सोनल शुक्ला

प्रसिद्ध महिला अधिकार कार्यकर्ता सोनल शुक्ला का 9 सितंबर, 2021 को मुंबई में हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया। वे 80 वर्ष की थी।

  • वे ‘वाचा चैरिटेबल ट्रस्ट’ की संस्थापक और प्रबंध न्यासी थीं और उन्होंने पिछले चार दशकों में किशोरियों और महिलाओं के साथ काम किया।
  • वे ‘फोरम अगेंस्ट रेप’ (Forum Against Rape) ग्रुप’ की सह-संस्थापक थीं, जिसे अब ‘फोरम अगेंस्ट ऑप्रेसन ऑफ वीमेन’ (Forum Against Oppression of Women) के रूप में जाना जाता है। वाचा की शुरुआत 1987 में एक पुस्तकालय और महिला संसाधन केंद्र के रूप में हुई थी।
  • भारत भर में हजारों किशोरियों और महिलाओं द्वारा प्यार से वे ‘सोनलबेन’ के रूप में जानी जाती हैं।

केशव देसिराजू

पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव केशव देसिराजू का 5 सितंबर, 2021 को चेन्नई में ‘एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम’ (acute coronary syndrome) के कारण निधन हो गया। वे 66 वर्ष के थे।

  • उत्तराखंड कैडर के 1978 बैच के आईएएस अधिकारी रहे देसिराजू ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार तथा भारत सरकार के साथ कई पदों पर कार्य किया और उपभोत्तफ़ा मामलों के विभाग में केंद्रीय सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।
  • उन्होंने देश में मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा का दायरा बढ़ाने तथा सामुदायिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सराहनीय काम किया। उन्होंने ‘मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017’ का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  • उन्होंने समीरन नंदी और संजय नागराल के साथ ‘हीलर ऑर प्रीडेटर्स? हेल्थकेयर करप्शन इन इंडिया’ (Healers or Predators\ Healthcare Corruption in India) नामक पुस्तक का सह-संपादन किया था।
  • हाल ही में उन्होंने एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी पर ‘गिफ्रटेड वॉयसः द लाइफ एंड आर्ट ऑफ एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी’ (Gifted Voice: The Life and Art of M. S. Subbulakshmi) नामक पुस्तक का लेखन भी किया था।

बुद्धदेव गुहा

प्रख्यात बंगाली लेखक बुद्धदेव गुहा का 28 अगस्त, 2021 को निधन हो गया। वे 85 वर्ष के थे।

  • उनकी महत्वपूर्ण कृतियों में ‘मधुकरी’ (शहद इकट्ठा करने वाला) के अलावा ‘कोलेर कच्छे’ (कोयल पक्षी के पास) और ‘सोबिनॉय निबेदोन’ (विनम्र भेंट) शामिल हैं।
  • उन्हें 1976 में आनंद पुरस्कार, शिरोमन पुरस्कार और शरत पुरस्कार सहित कई अन्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • एक पुरस्कार विजेता बंगाली फिल्म ‘डिक्शनरी’ उनकी दो रचनाओं ‘बाबा होवा’ (पिता होने के नाते) और ‘स्वामी होवा’ (पति होने के नाते) पर आधारित थी।