सार्वजानिक उपक्रम

कोल इंडिया बिजली संयंत्रों को ईंधन की आपूर्ति बढ़ाएगी

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने 29 सितंबर, 2021 को कहा कि वह देश की बिजली कंपनियों को कोयले के स्टॉक में कमी को दूर करने और उन्हें पर्याप्त स्तर तक बनाये रखने के लिए ईंधन की आपूर्ति में वृद्धि करेगी। देश भर में कोयले की कमी से जूझ रहे बिजली संयंत्रों के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।

  • कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) सरकारी स्वामित्व वाली एक ‘महारत्न’ कोयला खनन और शोधन निगम है। यह कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के स्वामित्व में है, जिसका मुख्यालय कोलकाता में है। इसकी स्थापना 1975 में की गई थी।

पीएफसी ने जारी किया भारत का पहला यूरो-मूल्यवर्ग वाला ग्रीन बॉन्ड

विद्युत क्षेत्र में अग्रणी गैर-बैंकिंग वित्त कम्पनी (एनबीएफसी) पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (PFC) ने 13 सितंबर, 2021 को अपना पहला 300 मिलियन यूरो का 7 वर्षीय यूरो बॉन्ड जारी किया है।

  • यह भारत की ओर से जारी होने वाला अब तक का पहला यूरो मूल्यवर्ग का ग्रीन बॉन्ड (Euro-denominated Green bond) है।
  • इसके अलावा, यह किसी भारतीय एनबीएफसी द्वारा पहली बार जारी किया गया यूरो है और 2017 के बाद भारत से पहला यूरो बॉन्ड जारी किया गया है।
  • 1986 में स्थापित पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड एक अनुसूची-ए नवरत्न सीपीएसई है, और एक प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनी है। यह विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

एनएचपीसी विभिन्न राजभाषा कीर्ति पुरस्कारों से सम्मानित

एनएचपीसी की राजभाषा पत्रिका ‘राजभाषा ज्योति’ को गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 के लिए भारत सरकार के सर्वोच्च राजभाषा कीर्ति पुरस्कार (गृह पत्रिका) के अंतर्गत ‘क’ क्षेत्र में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है।

  • इसके अतिरिक्त, एनएचपीसी को उत्कृष्ट राजभाषा कार्यान्वयन के लिए राजभाषा कीर्ति पुरस्कार योजना के अंतर्गत द्वितीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
  • सार्वजनिक उपक्रमों के बीच उत्कृष्ट राजभाषा कार्यान्वयन के लिए एनएचपीसी को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार नौवीं बार प्रदान किया गया है।

बैरा स्यूल पावर स्टेशन

नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (एनएचपीसी) लिमिटेड ने अपने 180 मेगावाट के ‘बैरा स्यूल पावर स्टेशन’ (Baira Siul Power Station) का स्वदेशी रूप से नवीनीकरण और आधुनिकीकरण किया है और वाणिज्यिक संचालन शुरू किया है। यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के चंबा में स्थित है।