रेपो दर में 50 आधार अंक की वृद्धि

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की 6-8 जून 2022 को हुई बैठक में रेपो दर 50 आधार अंक बढ़ाकर 4.90% करने का निर्णय लिया गया।

महत्वपूर्ण तथ्यः स्थायी जमा सुविधा दर (Standing Deposit Facility rate) 4.65% तथा सीमांत जमा सुविधा दर (Marginal Standing Facility rate) और बैंक दर 5.15% पर समायोजित की गई।

  • आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में देश के लिए अपने विकास अनुमान को 7.2% पर बरकरार रखा है।
  • चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को पहले के 5.7% से संशोधित कर 6.7% कर दिया गया है।
  • इस मौद्रिक नीति समीक्षा में क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने, सहकारी बैंकों के आवास ऋण की सीमा को दोगुनी करने और शहरी सहकारी बैंकों को डोर-स्टेप बैंकिंग की पेशकश करने की अनुमति दी गई है।

मौद्रिक नीति उपकरण

  • रेपो दरः यह वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक धन की कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है। इसके माध्यम से अल्पकालिक ऋण प्रदान किया जाता है। इसे आमतौर पर पॉलिसी रेट के नाम से भी जाना जाता है।
  • रिवर्स रेपो रेटः वह दर है जिस पर आरबीआई घरेलू वाणिज्यिक बैंकों से पैसा उधार लेता है। आरबीआई द्वारा इस मौद्रिक नीति उपकरण का उपयोग देश की मुद्रा आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है।
  • सीमांत स्थायी सुविधाः सीमांत स्थायी सुविधा भारतीय रिजर्व बैंक की एक प्रणाली है, जो अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को रातों-रात धन प्राप्त करने की अनुमति देती है। यह आमतौर पर रेपो रेट से ज्यादा होती है।

आर्थिक परिदृश्य