भारत के पहला स्लेंडर लोरिस सेंचुरी
अक्टूबर 2022 में तमिलनाडु सरकार ने भारत के पहले स्लेंडर लोरिस सेंचुरी को अधिसूचित किया।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- यह अभयारण्यतमिलनाडु के करूर और डिंडीगुल जिलों में 11,806 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है।
- अभयारण्य स्लेंडर लोरिस के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और तमिलनाडु के संरक्षण प्रयासों में एक और मील का पत्थर है।
- स्लेंडर लोरिस को प्रकृति संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN) की ओर से एक लुप्तप्राय प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
- लोरिस भारत, श्रीलंका और दक्षिण-पूर्वी एशिया में मिलने वाले लोरिनाए (Lorinae) कुल के प्राणी होते हैं। लोरिस वनों में रहते हैं और धीमी गति से पेड़ों पर चलते हैं।
- ये जातियां केवल कीट खाती हैं_ जबकि अन्य फल, वृक्षों के छाल से निकलने वाला गोंद, पत्ते और घोंघे खाती हैं।