साउंडिंग रॉकेट आरएच-200 का सफ़ल प्रक्षेपण

23 नवंबर, 2022 कोइसरो के बहुमुखी साउंडिंग रॉकेट आरएच 200 ने थुंबा, तिरुवनंतपुरम के तट से अपना लगातार 200वां सफल प्रक्षेपण किया।

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • भारतीय साउंडिंग रॉकेट का उपयोग मौसम विज्ञान, खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष भौतिकी की इसी तरह की शाखाओं पर प्रयोग करने के लिए वैज्ञानिक समुदाय के लिए विशेषाधिकार प्राप्त उपकरण के रूप में किया जाता है।
  • 3.5 मीटर लंबा यह रॉकेट रोहिणी रॉकेट परिवार से सम्बंधित है। इसका उपयोग इसरो द्वारा वायुमंडलीय अध्ययन के लिए किया जाता है।
  • इस रॉकेट का पहला और दूसरा चरण ठोस मोटरों द्वारा संचालित होता है।
  • इसरो द्वारा वर्ष 1967 में ‘रोहिणी RH-75’ पहला स्वदेशी रूप से विकसित साउंडिंग रॉकेट लॉन्च किया गया था।

GK फ़ैक्ट

  • साउंडिंग रॉकेट- साउंडिंग रॉकेट, जिसे अनुसंधान रॉकेट या सबऑर्बिटल रॉकेट के नाम से जानते है। यह एक उपकरण ले जाने वाला रॉकेट है। जो अपनी उप-कक्षीय उड़ान के दौरान माप लेने और वैज्ञानिक प्रयोग करने में सक्षम है।
  • इस रॉकेट का उपयोग पृथ्वी की सतह से 48 से 145 किमी की ऊंचाई पर उपकरणों को लॉन्च करने के लिए किया जाता है।