सरकार ने जीएम सरसों को दे मंजूरी

हाल ही में ‘जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति’ ने व्यवसायिक खेती के लिए अनुवांशिक रूप से संशोधित या जेनेटिकली मॉडिफाइड सरसों को मंजूरी दे दी है।

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • भारत अपनी जरूरत का 65 फीसदी खाद्य तेल आयात करता है, इसकी लागत करीब एक लाख करोड़ रुपए आती है।
  • 20 साल बाद जीएम सरसों को मिली मंजूरी के बाद तिलहन आयात पर निर्भरता कम होगी तथा महंगाई को नियंत्रित किया जा सकेगा। खाद्य कृषि क्षेत्र में यह पहली मंजूरी है, जिस जीएम सरसों को मंजूरी दी गई है, उसे दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. दीपक पेंटल द्वारा विकसित किया गया है।
  • 2002 में सरकार ने ट्रांसजेनिक बीटी कपास की खेती को मंजूरी दी थी। पिछले कुछ सालों में भारत में खाद्य तेल की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है।