PSLV-C54 रॉकेट

26 नवंबर, 2022 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से C-54और 8 नैनो उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।

  • उद्देश्य- परिचालन अनुप्रयोगों को बनाए रखने के लिए समुद्र के रंग और पवन वेक्टर डेटा की डेटा निरंतरता सुनिश्चित करना।

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने विश्वसनीय रॉकेट पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) की सहायता से ओशियन-सैट-3 सहित 9 उपग्रहों को प्रक्षेपित कर कक्षाओं में सफलता से स्थापित किया। वर्ष 2022 के लिए यह इसरो का 5वां और अंतिम मिशन था।
  • यह इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान की 56वीं और PSLV-XL संस्करण की 24वीं उड़ान है।
  • ओशियन-सैट को 742 किमी ऊंचाई पर पहुंचाने के बाद रॉकेट नीचे की ओर लाया गया और बाकी 8 उपग्रह 513 से 528 किमी पर स्थापित किए गए।
  • ISRO ने PSLV C54/EOS06लॉन्च किया, इसे ओशनसैट-3 के नाम से भी जाना जाता है।
  • पहली बार दो कक्षाओं में उपग्रह प्रक्षेपित किए। इसमें ऑर्बिट चेंज थ्रस्टर्स (ओसीटी) उपयोग हुए।
  • इस उपग्रह से प्राप्त विशिष्ट डेटा सरकारी विभागों द्वारा उपयोग किया जाएगा।
  • 4 अमेरिकी उपग्रह- एस्ट्रोकास्ट के रूप में तकनीकी के प्रदर्शन के लिए अमेरिका की स्पेसफ्रलाइट की ओर से चार उपग्रह भेजे गए। यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक में उपयोग होंगे। कुल वजन 17.92 किलो था।
  • भूटान का उपग्रहः मिशन में भूटान का नैनो सैटेलाइट INS-2B शामिल है, यह 18.28 किलो वजनी है।
  • इसमें दो उपकरण नैनोएमएक्स और APRS-डिजिपीटर हैं।
  • इन्हें भूटान और बंगलूरू के यूआर राव उपग्रह केंद्र द्वारा तैयार किया गया है।