भारत का सारस रेडियो टेलीस्कोप

28 नवंबर, 2022 को ‘नेचर एस्ट्रोनॉमी’ पत्रिका में प्रकाशित पेपर के परिणामों ने दिखाया है कि कैसे शुरुआती ब्रह्मांड से इस लाइन डिटेक्शन न होने पर भी खगोलशास्त्री असाधारण संवेदनशीलता के साथ शुरुआती आकाशगंगाओं के गुणों का अध्ययन कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • भारत का ‘सारस’ रेडियो टेलीस्कोप खगोलशास्त्रियों को ब्रह्मांड के पहले सितारों और आकाशगंगाओं की प्रकृति के बारे में जानकारी देता है।
  • वैज्ञानिकों ने ‘बिग बैंग’ के सिर्फ 20 करोड़ वर्ष, एक अवधि जिसे अंतरिक्षीय प्रभात के रूप में जाना जाता है, के बाद बनी चमकदार रेडियो आकाशगंगाओं के गुणों का निर्धारण किया है।
  • जिससे सबसे शुरुआती रेडियो लाउड आकाशगंगाओं जो आमतौर पर बेहद विशाल ब्लैक होल द्वारा संचालित होती हैं, के गुणों के बारे में जानकारी मिली है।