शीत युद्ध पश्चात चीन-रूस के मध्य नए संबंधों का विकास
हाल ही में चीन और रूस ने एक संयुक्त बयान में पुष्टि की कि उनके नए संबंध शीत युद्ध के दौर के किसी भी राजनीतिक या सैन्य गठबंधन से बेहतर हैं। यह संयुक्त बयान यूक्रेन को लेकर उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (The North Atlantic Treaty Organization-NATO) के साथ रूस के गतिरोध के मध्य आया है।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में चीन-रूस संबंध
- रूस और चीन ने अपने द्विपक्षीय संबंधों के आधार के रूप में "संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता (Sovereignty and Territorial Integrity), आपसी गैर-आक्रामकता (Non-Aggression), एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप (Non-Interference), समानता व पारस्परिक लाभ (Equality and Mutual Benefit) तथा शांतिपूर्ण ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 रूस ने तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता दी
- 2 भारत-सऊदी अरब के बीच सहयोग को नई मजबूती
- 3 अमेरिका ने TRF को आतंकवादी संगठन घोषित किया
- 4 भारत-चीन ने एलएसी स्थिति की समीक्षा की
- 5 फिलिस्तीन को मान्यता देगा फ्रांस
- 6 ब्लू नाइल नदी
- 7 सीरिया
- 8 भारत एवं ब्रिटेन के मध्य व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (CETA)
- 9 भारत का कुल विदेशी व्यापार
- 10 फ्रांस एवं ब्रिटेन ने ऐतिहासिक परमाणु समन्वय संधि पर हस्ताक्षर किए

- 1 भारत-श्रीलंका के मध्य द्विपक्षीय बैठक
- 2 भारत द्वारा अफगानिस्तान को खाद्य सहायता
- 3 संयुक्त व्यापक कार्रवाई योजना को पुनः लागू किया गया
- 4 अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति की घोषणा
- 5 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत-रूस सहयोग
- 6 नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन
- 7 चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का दूसरा चरण
- 8 क्वाड विदेश मंत्रियों की चौथी बैठक
- 9 भारत का रक्षा निर्यात
- 10 फ़ॉकलैंड द्वीप समूह
- 11 सोलोमन द्वीप
- 12 टोंगा द्वीप पर ज्वालामुखी विस्फोट