भारत की समुद्री सतह से खनन की योजना
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार भारत अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समुद्र के नीचे खनिजों का पता लगाने की योजना बना रहा है।
- दुनिया में समुद्रों की सतह पर तांबा, निकल, कोबाल्ट, मैंगनीज, लौह और दुर्लभ-मृदा तत्व (Rare earth elements) काले आलू के आकार वाले बहुधात्विक पिंड के रूप में बिखरे हुए हैं। इनका प्रयोग स्मार्टफोन, लैपटॉप और पेसमेकर जैसे अत्याधुनिक उपकरणों को बनाने में किया जाता है।
- प्रोद्योगिकी और अवसंरचना क्षेत्र के विस्तार के चलते इन संसाधनों की मांग बढ़ती जा रही है और आपूर्ति लगातार घट रही है।
- भारत, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। संयुक्त राष्ट्र ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 पीएम सूर्य घर योजना की ऐतिहासिक उपलब्धि
- 2 आर्द्रभूमि के विवेकपूर्ण उपयोग हेतु रामसर पुरस्कार 2025
- 3 कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
- 4 जॉर्ज VI आइस शेल्फ के नीचे एक समृद्ध पारिस्थितिक तंत्र की खोज
- 5 समुद्री घास संरक्षण: पृथ्वी की जैव विविधता का आधार
- 6 मध्य प्रदेश में घड़ियालों का संरक्षण
- 7 भारत का 58वां टाइगर रिजर्व
- 8 आईसलैंड का पहला 'मृत घोषित' ग्लेशियर: ओक्जोकुल
- 9 अंटार्कटिका के नीचे के भूदृश्य का नया मानचित्र: बेडमैप3
- 10 कश्मीर हिमालय में पर्माफ्रॉस्ट पिघल रहा है
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 भारत तीसरा सर्वाधिक कार्बन उत्सर्जक
- 2 भारत में आठ में से एक मौत वायु प्रदूषण से
- 3 भारत में समुद्र तटीय प्रदूषण
- 4 जैव प्लास्टिक पर्यावरण प्रतिकूल
- 5 वन्यजीव संरक्षण लिए संयुक्त कार्य बल योजना
- 6 भूजल के लिए जल संरक्षण शुल्क
- 7 इको निवास संहिता 2018
- 8 इंडोनेशिया सुनामी
- 9 तटीय नियमन क्षेत्र अधिसूचना, 2018 को मंजूरी